Vehicle Ownership Transfer कैसे करें? जानें पूरी प्रक्रिया

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यदि आप अपनी गाड़ी बेच रहे हैं या किसी अन्य व्यक्ति को गाड़ी का मालिकाना हक (Ownership) स्थानांतरित करना चाहते हैं, तो इसके लिए वाहन स्वामित्व हस्तांतरण (Vehicle Ownership Transfer) की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

वाहन स्वामित्व हस्तांतरण के लिए आरटीओ (Regional Transport Office) के पास आवेदन करना होता है। इसके साथ ही कुछ जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होते हैं, जैसे वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), बीमा प्रमाणपत्र, और पते का प्रमाण। इस प्रक्रिया को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से पूरा किया जा सकता है।

Vehicle Ownership Transfer प्रक्रिया (ऑनलाइन)

यदि वाहन बेच दिया गया है, किसी अन्य नागरिक को दे दिया गया है, या अगर वाहन मालिक की मृत्यु हो चुकी है, या आप ही अपना Ownership Transfer करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन कर सकते हैं-

Vahan Portal
  • इसके बाद आप अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर डालें, इसके बाद अपने राज्य का चुनाव करें, और अपने RTO का चयन करें।
  • अब आप नीचे दिए गए Proceed बटन पर क्लिक कर दें.
  • इसके बाद आपके सामने Vahan Citizen Services का पेज खुल जाएगा.
  • इस पेज पर आपको Apply For Ownership Transfer का विकल्प दिख जाएगा, आप इस विकल्प पर क्लिक कर दें.
  • अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा, जहाँ आप अपना वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर Chassis Number डालें, और Verify Details पर क्लिक कर दें.
Transfer of Ownership
  • इसके बाद Application Section में मौजूद Transfer of Ownership पर क्लिक करें.

अब आप Transfer of Ownership Details के तहत निम्नलिखित विवरणों को दर्ज करें.

  • नए मालिक का विवरण
  • वर्त्तमान पता
  • स्थायी पता
  • बीमा विवरण

इसके बाद नए पेज पर आप शुल्क का भुगतान करें.

अब आपको 29 और फॉर्म 30 दो रसीदें प्राप्त होंगी, अब विक्रेता और ग्राहक दोनों को इस फॉर्म पर हस्ताक्षर करना होगा, सारी प्रक्रियाओं के बाद आपका आवेदन आगे के प्रोसेस के लिए RTO द्वारा भेज दिया जाएगा, और कुछ दिनों में आपका वाहन नए मालिक के पास ट्रांसफर हो जाएगा.

स्थिति ट्रांसफर प्रक्रिया का विवरण
सामान्य बिक्री के मामले में ट्रांसफर प्रक्रिया वाहन बेचने पर नए मालिक का नाम पंजीकृत किया जाता है। इसके लिए फॉर्म 29 और 30, बीमा प्रमाणपत्र, पते का प्रमाण आदि दस्तावेज जमा किए जाते हैं। शुल्क भुगतान के बाद नए मालिक को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
वाहन के मालिक के मृत्यु पर वाहन का ट्रांसफर मृतक वाहन मालिक के कानूनी उत्तराधिकारी को स्वामित्व हस्तांतरित किया जाता है। उत्तराधिकारी को 30 दिनों के भीतर आरटीओ को सूचित करना होता है, और मृत्यु प्रमाणपत्र, उत्तराधिकार प्रमाणपत्र आदि जमा करने होते हैं।
नीलामी में खरीदे गए वाहन का ट्रांसफर नीलामी में खरीदे गए वाहन का स्वामित्व नए खरीदार को ट्रांसफर किया जाता है। नीलामी के दस्तावेजों और रसीद के साथ अन्य आवश्यक दस्तावेज आरटीओ में जमा किए जाते हैं।

कुछ खास बातें

  • यदि गाड़ी लोन पर ली गई थी, तो आपको एनओसी की जरूरत होगी। इसके बिना स्वामित्व हस्तांतरण नहीं हो सकता।
  • फॉर्म 29 और फॉर्म 30 को ध्यान से भरें, क्योंकि गलत जानकारी देने पर आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।
  • वाहन के वैध PUC (Pollution Under Control) प्रमाणपत्र की भी आवश्यकता होती है।

शुल्क

शुल्क प्रत्येक प्रकार के वाहन के लिए अलग-अलग है, ऐसे में शुल्क आपके वाहन के प्रकार पर निर्भर करता है, नीचे हमने सभी वाहन के प्रकार और उनके ट्रांसफर डिटेल्स के बारे में विस्तार से बताया है-

वाहन का प्रकारशुल्क
Light Motor Vehicles for Non -Transport₹ 300
Light Motor Vehicles for Transport₹ 500
Medium Goods for passenger vehicles₹ 750
Medium vehicle for goods₹ 500
Heavy Vehicle for goods₹ 750

जरुरी दस्तावेज

वाहन का स्वामित्व हस्तांतरित करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

  • फॉर्म 29 और फॉर्म 30: फॉर्म 29 और फॉर्म 30 आरटीओ द्वारा स्वामित्व हस्तांतरण के लिए आवश्यक होते हैं। फॉर्म 29 वाहन मालिक द्वारा भरा जाता है, जबकि फॉर्म 30 खरीदार द्वारा भरा जाता है।
  • रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC): गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आवश्यक है।
  • बीमा प्रमाणपत्र: वाहन का वैध बीमा प्रमाणपत्र।
  • पते का प्रमाण: वाहन के वर्तमान मालिक और नए मालिक, दोनों का पते का प्रमाण।
  • एनओसी (NOC): यदि वाहन लोन पर लिया गया था, तो फाइनेंसर या बैंक द्वारा जारी की गई एनओसी।
  • पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC): वैध PUC प्रमाणपत्र।
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो: वाहन के वर्तमान और नए मालिक के पासपोर्ट साइज फोटो।
💡
इसके अलावा एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) द्वारा जारी किया गया पावती फॉर्म जमा करना पड़ सकता है। इससे यह पता चलता है, कि कहीं आपका वाहन आपराधिक गतिविधियों में तो शामिल नहीं था.